कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो कानपुर
नई दिल्ली/कानपुर। क्या बिकरू का वो खौफनाक मंजर एक बार फिर लोगों की आंखों के सामने तैरने वाला है? कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के जीवन और अपराध की दुनिया पर आधारित वेब सीरीज ‘UP 77’ आज आखिरकार रिलीज हो गई है। रिलीज से ठीक पहले इस सीरीज पर कानूनी तलवार लटकी थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट के एक बड़े फैसले ने इसे हरी झंडी दे दी।
अदालत में छिड़ी कानूनी जंग: पत्नी की आपत्ति बनाम अभिव्यक्ति की आजादी
वेब सीरीज की रिलीज को रोकने के लिए विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में दलील दी गई कि इस सीरीज में विकास दुबे की निजी और शादीशुदा जिंदगी को बिना अनुमति के दिखाया गया है, जिससे उनके परिवार की छवि धूमिल होगी।
हालांकि, सीरीज के निर्माताओं ने कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखा। प्रोड्यूसर ने स्पष्ट किया कि:
- सीरीज की कहानी पूरी तरह से 'पब्लिक डोमेन' में उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है।
- किसी भी निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल नहीं किया गया है।
- यदि आवश्यक हो, तो डिस्क्लेमर (Disclaimer) में इसे और अधिक स्पष्ट कर दिया जाएगा।
अदालत ने इन दलीलों को सुनने के बाद रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
फ्लैशबैक: वो रात जिसने पूरे देश को झकझोर दिया
याद दिला दें कि जुलाई 2020 में कानपुर का चौबेपुर क्षेत्र गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा था। दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक डिप्टी एसपी सहित 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस हत्याकांड के बाद विकास दुबे देश का सबसे 'वांटेड' अपराधी बन गया था।
उज्जैन की गिरफ्तारी और भौती की वो मुठभेड़
कई दिनों तक पुलिस को छकाने के बाद विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया। लेकिन असली ड्रामा अभी बाकी था। 10 जुलाई 2020 को जब एसटीएफ की टीम उसे कानपुर ला रही थी, तब भौती के पास अचानक पुलिस की गाड़ी पलट गई। पुलिस के मुताबिक, विकास ने भागने की कोशिश की और जवाबी मुठभेड़ में मारा गया।
अब ‘UP 77’ उसी खूनी संघर्ष, राजनीति और अपराध के गठजोड़ की परतों को खोलने का दावा कर रही है। दर्शक अब देख पाएंगे कि क्या फिल्म में वही सच दिखाया गया है जो फाइलों में है, या कुछ और!
