'मदद फाउंडेशन' ने बेसहारा लोगों को दी नई जिंदगी, केउला देवी की कहानी बनी मिसाल - By Coverage India


कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज 

प्रयागराज। प्रयागराज की सड़कों पर बेसहारा और निराश्रित लोगों के लिए 'मदद फाउंडेशन' एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है। यह संस्था पिछले कई सालों से बिना किसी सरकारी मदद के जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, दवाइयां और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करा रही है। इस नेक पहल से हजारों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आया है।

केउला देवी की कहानी: एक मिसाल

फाउंडेशन की मदद से नई जिंदगी पाने वालों में केउला देवी भी शामिल हैं। अपने बेटे के साथ फुटपाथ पर जीवन बिता रहीं केउला देवी पिछले तीन साल से फाउंडेशन से जुड़ी हैं। उन्हें कमजोरी, चक्कर आने और सांस फूलने जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं।

फाउंडेशन की टीम और डॉ. आदर्श पाठक के प्रयासों से पिछले दो महीने से उनका इलाज चल रहा है। हाल ही में एक वीडियो में केउला देवी ने खुद बताया कि अब उन्हें 50% तक आराम मिल चुका है। यह 'मदद फाउंडेशन' के निस्वार्थ सेवा भाव का प्रमाण है।

निःशुल्क सेवा और समर्पण

मदद फाउंडेशन हर रविवार को रविवार की रसोई अभियान के माध्यम से फुटपाथ पर रहने वालों के लिए मुफ्त भोजन और पानी का इंतजाम करता है। इस दौरान, फाउंडेशन की टीम उन निराश्रित व्यक्तियों और उनके परिवारों को भी चिह्नित करती है जो स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे होते हैं, और उनका इलाज करवाती है।

इसके अलावा, यह संस्था गरीब बच्चों की शिक्षा का जिम्मा भी उठा रही है। फाउंडेशन के संस्थापक मंगला प्रसाद तिवारी और उनकी टीम अपनी आय का 10% हिस्सा इस सामाजिक कार्य के लिए समर्पित करती है। दवाओं और अन्य खर्चों का भी वहन संस्था खुद ही करती है।

फाउंडेशन का मानना है कि बेसहारा लोग उनके परिवार का हिस्सा हैं। मदद फाउंडेशन ने समाज के उन हिस्सों को अपनाया है, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह संस्था समाज के सभी लोगों से इस मानवीय मिशन में शामिल होने और फुटपाथ पर रहने वालों के जीवन को बेहतर बनाने में सहयोग करने की अपील करती है।

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