}(document, "script")); विश्व भर में ऐसा सनातनी कुटुंब एवम गुरु दुर्लभ

विश्व भर में ऐसा सनातनी कुटुंब एवम गुरु दुर्लभ


कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज

सरदार पटेल धर्मशाला काशी में शास्वत हिन्दू संगठन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में रविवार को सनातन हिन्दू धर्म गुरु पूज्य श्री रतन वशिष्ठ जी महराज को बाल वृन्द के साथ आमंत्रित किया गया था,जहाँ पर सनातन प्रहरी विजयकांत चौहान जी के साथ संगठन मंत्री एवम अन्य सनातनियों ने बालको के साथ गुरुदेव का भव्य स्वागत किया,विजय कांत जी बताते है कि वशिष्ठ जी महराज भारत के ऐसे गृहस्स्थ सन्त हैं जो सनातन पर वक्तव्य और प्रवचन बाद में देते है पहले वो सनातन को स्वयं एवम परिवार से स्वयं में जीते है।इसी कड़ी में वो भारत मे कुल गुरु एवम गुरुकल की परंपरा को विकसित करने की कड़ी में पहले अपने परिवार को चुना है,और भाई सहित स्वयं के दो बालक एवम दो बालिकाओं को सनातन के दिव्य मंत्र व स्तोत्रों को अपने बालको में कंठस्थय करवाकर एक प्रतिमान स्थापित कर दिया है,7 साल के बालको के यग्योपवित तिलक चोटी मंत्र दीक्षा संध्या आदि से सुसज्ज करके श्रीमद्भगवत गीता,रुद्राष्टाध्यायी, दुर्गासप्तशती ,ललिता सहस्त्रनाम,कनकधारा,श्री सूक्त,गणपति अथर्व शीर्ष,अन्नपूर्णा स्तोत्र,रुद्राष्टकम,शिवतांडव,रामचरित मानस,श्रीमद्भगवत आदि के अधिकांश मन्त्रो को कंठस्थय करा दिया है,जिसका कुछ उदाहरण बालको ने सभागार में प्रस्तुत किया जिसके बाद सभागार तालियों से गूँजने लगा,और भारत के प्यारे तिरंगे,अंगवस्त्र,श्रीमद्भागवत ग्रंथ के द्वारा बालको एवम गुरुदेव का स्वागत किया गया!वहां उपस्थित लोगों में यह कार्यक्रम चर्चा का विषय बना हुआ है,लोग प्रेरित हो रहे हैं,और यही है असली सनातनी भारत,असली सनातन राष्ट्र बनाने की पहल,और असली सनातनी यात्रा।।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने