कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा एक बड़े विवाद के केंद्र में आ गए हैं। गुरुवार को जब उन्होंने बिहार के बेगूसराय जिले के अपने पैतृक गांव मनसेरपुर में मतदान किया, तो विपक्षी दलों ने उनकी इस मतदान की तस्वीर की तुलना फरवरी 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान उनके द्वारा डाले गए वोट की तस्वीर से करना शुरू कर दिया।
दोनों तस्वीरों के वायरल होने के बाद, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) जैसे विपक्षी दलों ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर तीखे हमले किए। कांग्रेस पार्टी ने इन तस्वीरों को साझा करते हुए तंज कसा और लिखा, "बीजेपी नेता एक, वोट 2 गज़ब खेला है," यह इंगित करते हुए कि सिन्हा ने दो अलग-अलग राज्यों की मतदाता सूची में नाम रखते हुए मतदान किया है, जो कि चुनावी नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। वहीं, आरजेडी प्रवक्ता प्रियंका भारती ने तो इसे "खुलकर वोट चोरी" करार देते हुए चुनाव आयोग की भूमिका पर ही सवाल खड़े कर दिए। अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस घटना को चुनावी धांधली का एक बड़ा उदाहरण बताया और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की।
हालाँकि, विवाद बढ़ने के बाद राकेश सिन्हा ने इस पूरे मामले पर सफाई दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका नाम दिल्ली और बिहार दोनों जगह की मतदाता सूची में था, लेकिन दिल्ली में उन्होंने अपना नाम कटवा लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि उनका प्राथमिक निवास बिहार ही है और वह अपने पैतृक स्थान से ही मतदान कर सकते हैं। यह सफाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चुनावी नियमों के अनुसार, भारत में कोई भी व्यक्ति एक ही समय में एक से अधिक स्थान पर मतदाता सूची में पंजीकृत नहीं हो सकता। इस घटना ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और मतदाता सूची के रखरखाव को लेकर राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है।
