कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ का असर अब साफ दिखाई देने लगा है। भारत के प्रमुख कपड़ा हब तिरुपुर में इस टैरिफ की मार से करोड़ों रुपये के ऑर्डर या तो रद्द हो गए हैं या होल्ड पर हैं। भारतीय निर्यातकों के लिए हालात तब और मुश्किल हो गए, जब उनके कई ऑर्डर बांग्लादेश, पाकिस्तान, वियतनाम और कंबोडिया जैसे देशों में शिफ्ट हो गए, जहां भारत की तुलना में टैरिफ कम है। इस टैरिफ वृद्धि का कारण ट्रंप प्रशासन ने भारत का रूस से तेल आयात बताया है, जिसे लेकर 7 अगस्त 2025 से 25% और 27 अगस्त से कुल 50% टैरिफ लागू किया गया है। इससे भारत के $4 अरब के कपड़ा निर्यात पर गंभीर संकट मंडरा रहा है, खासकर तिरुपुर जैसे क्षेत्रों में, जो अमेरिकी बाजार पर काफी हद तक निर्भर हैं।
इसके चलते भारतीय कपड़ा उद्योग को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेश पर 35% और वियतनाम पर 20% जैसे कम टैरिफ के कारण ये देश भारतीय निर्यातकों के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। भारत सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए ₹20,000 करोड़ के विशेष निर्यात प्रोत्साहन मिशन की घोषणा की है, लेकिन उद्योग जगत में अनिश्चितता बनी हुई है।
भारत के विकल्प और भविष्य की रणनीति
विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारत को नए निर्यात बाजार तलाशने और अमेरिकी निर्भरता कम करने की जरूरत है। साथ ही, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाओं को मजबूत करने से इस झटके को कम किया जा सकता है। कूटनीतिक बातचीत और विश्व व्यापार संगठन (WTO) में इस टैरिफ को चुनौती देना भी भारत के लिए संभावित कदम हो सकते हैं।
इस बीच, तिरुपुर के कारोबारी और निर्यातक सरकार से तत्काल राहत पैकेज और वैकल्पिक बाजारों के लिए समर्थन की मांग कर रहे हैं, ताकि इस आर्थिक संकट से उबरा जा सके।