}(document, "script")); हार्ट अटैक के मामले में चिंताजनक वृद्धि, जानिए कारण और उपाय - By Coverage India

हार्ट अटैक के मामले में चिंताजनक वृद्धि, जानिए कारण और उपाय - By Coverage India

 


नई दिल्ली (कवरेज इंडिया हेल्थ डेस्क)

हार्ट अटैक के मामलों में एक चिंताजनक वृद्धि की चर्चा हो रही है, जिसमें सामान्य लोगों के बीच यह जानलेवा रोग का ज्यादा प्रमाण मिल रहा है। हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि के बावजूद, इस समय यह स्पष्ट है कि लोगों के बीच आवश्यक जागरूकता की कमी हो रही है।


अध्ययन के अनुसार, इस चिंताजनक वृद्धि के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से प्रमुख हैं अप्राप्त और अनुभवहीन चिकित्सा सहायता, अन्य जीवनशैली कारकों का ध्यान न देना, और मानसिक तनाव। 


हाल के ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण अस्पतालों में भराई गई बेड की कमी के चलते, लोगों को अस्पताल में चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, जो हार्ट अटैक के मामलों को और भी भयावह बना रहा है।


इस परिस्थिति में, सरकारों को, स्वास्थ्य विभागों को, और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है, ताकि लोगों को चिकित्सा सहायता से वंचित न किया जाए और हार्ट अटैक के मामलों को नियंत्रित किया जा सके।


इस चिंताजनक परिस्थिति के सामने हम सभी को सावधान रहने की आवश्यकता है और स्वास्थ्य की देखभाल में सकारात्मक कदम उठाने की आग्रह करते हैं।


हार्ट अटैक के कारण और निदान


कारण:

1. धमनियों की ब्लॉकेज:

हार्ट अटैक का प्रमुख कारण हैं धमनियों में ब्लॉकेज, जिसे कॉरोनरी आर्टरी डिजीज या कॉरोनरी हार्ट डिजीज के रूप में भी जाना जाता है। यह धमनियाँ जिगर, त्वचा, और नसों के साथ संबंधित होती हैं जो ह्रदय को आवश्यक रक्तपोषण प्रदान करती हैं।

  

2. धमनीगत रोग:

अधिक आयु, अधिक वजन, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मधुमेह, और परिवार में हार्ट रोग का इतिहास जैसे कारकों से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।


3. दिल की मांसपेशियों का दुर्बल होना:

यह रोगी को अधिक चिकित्सीय समस्याओं के लिए खतरा बनाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।


निदान:

1. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ECG):

इस टेस्ट में हार्ट की गतिविधि को रेकॉर्ड किया जाता है।


2. ब्लड टेस्ट:

ब्लड टेस्ट द्वारा कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, और दूसरे रक्त परीक्षण किए जाते हैं।


3. कोरोनरी आंगिओग्राफी:

इस टेस्ट में रक्त और धमनियों की छवियां बनाई जाती हैं ताकि धमनियों के ब्लॉकेज का पता चल सके।


4. स्ट्रेस टेस्ट:

इस टेस्ट में रोगी को फिजिकल या कृत्रिम तनाव में रखा जाता है और उनकी हार्ट की प्रतिक्रिया को मापा जाता है।


5. कम्प्यूटरीज़्ड टॉमोग्राफी (CT) स्कैन:

इस टेस्ट में हार्ट की छवियाँ बनाई जाती हैं ताकि धमनियों की ब्लॉकेज का पता लगाया जा सके।


कृपया ध्यान दें कि यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए है और चिकित्सीय सलाह के लिए डॉक्टर की सलाह लें।

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