कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज
Prayagraj (Coverage India) सार्वजनिक स्थानों पर हो रहे कब्जे को लेकर ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है । गांव मे कोई मांगलिक कार्य होने पर हर कोई विशेष परिस्थितियों पर तालाब पर जाकर कार्य किया करते रहे । लेकिन आवाज कब्जे के चलते अब उन लोगों को अपने कार्य संपादित करने में काफी दिक्कत आ रही है।लेकिन शिकायत के बावजूद तहसील के अधिकारी मूक दर्शक बने हुए है ।
बताया जाता है कि, इन दिनों मनरेगा द्वारा तालाबों की खुदाई के लिए सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है । वहीं दबंगों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा कराए जाने का मामला प्रकाश मे आया है ।बताया जाता है कि , विकास खंड कोरांव मे विगत तीन वर्ष पूर्व बिना पैदाइश के ही तालाब की खोदाई की गई थी ।तहसील के अधिकारियों की मिलीभगत से तालाबों पर कब्जा जोरों से चल रहा है ।तहसील दिवस पर कई बार प्रार्थना पत्र देने के बावजूद आज तक इस ओर ध्यान न देने से सार्वजनिक स्थानों मे जोरों से कब्जा करने का काम चल रहा हैहै ।
बताया जाता है कि, उसरी, लेड़ियारी, देईबांध, जानकीतारा, किहुनी कला, सुरैचा, करपिया, नीबी, बघोल, बहरैचा, खीरी, गोबरा, पूरादत्तु, खपटिहा, कोलसरा, पथरपुर आदि तालाबों को बिना पैदाइश ही कार्य प्रारंभ कर दिया गया था ।जबकि वहां के दबंगों द्वारा अबैध कब्जा है ।इतना ही नही कुछ स्थानों पर दिवानी का मुकदमा भी कायम है, लेकिन गांव के जनप्रतिनिधि मिलीभगत कर कब्जा नही हटने दे रहे है ।इतना ही नही लेड़ियारी सहित इस विकास खंड कोरांव के कई तालाबों पर कब्जा हो चुका है ।लेकिन कार्रवाई नही हो रही है ।कई तालाबों के किनारे मकान बन गए है ।लोग खेती भी करने लगे हैं ।इसके कारण जल संरक्षण तो हो ही नही पाता है ।साथ ही मवेशियों को पानी के लिए दिक्कत होती है ।इसके अलावा बाजारों मे शौचालयों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी अबैध कब्जा कर लिया गया है ।
इस संबंध मे कोरांव तहसीलदार कोरांव का कहना है कि, अगर सार्वजनिक स्थान पर कब्जा किये हुए है तो उसे खाली कराया जाएगा ।अगर कोई भवन बने होगे तो उच्चधिकारियों के निर्देश पर मकान गिराया जायेगा ।इसकी जांच-पड़ताल किया जायेगा ।