कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो जंघई
जंघई। छुट्टियों का सीजन चल रहा है इसलिए प्रत्येक ट्रेन में टिकटों की मारामारी भी है, एक ओर आम नागरिक लंबी-लंबी लाइनें लगाने के बावजूद कंफर्म टिकट नहीं ले पा रहा है तो वही क्षेत्र का नामचीन टिकट दलाल पप्पू धोबी किसी भी ट्रेन में पलक झपकते ही आपको कंफर्म टिकट दिला देगा। दरअसल पप्पू धोबी पिछले कई वर्षों से जंघई रेलवे स्टेशन पर जीआरपी एवं आरपीएफ की मदद से टिकट दलाली में सक्रिय है, स्थानीय लोगों की माने तो टिकट दलाली से पप्पू धोबी खुद तो महीने का लाखों रुपए कमाता ही है वही आरपीएफ और जीआरपी को भी मोटा कमीशन देता है जिसके कारण जवाई आरक्षण केंद्र पर आम नागरिक को टिकट मिलना मुश्किल प्रतीत होता है तो वही पप्पू धोबी धड़ल्ले से तत्काल या फिर आम आरक्षण टिकट प्राप्त कर 3 से 4 गुना बढ़े रेट में भेचता है।
स्थानीय लोगों की मानें तो जंघई आरक्षण केंद्र पूरी तरह टिकट दलालों की भेंट चढ़ चुका है, स्थिति इतनी बुरी हो चली है कि लाइन की शुरुआत के 10 लोग टिकट दलालों के आदमी ही होते हैं जो अंदर टिकट बाबू से लेकर अन्य अधिकारियों तक सांठगांठ रखते हैं इसलिए उन्हें तत्काल टिकट प्राप्त हो जाता है। आम व्यक्ति लाइन लगाने के बावजूद भी जब कंफर्म टिकट प्राप्त नहीं कर पाता तो मजबूरन उसे पप्पू धोबी जैसे दलालों की शरण में जाना पड़ता है जहां उसे 400 का टिकट 4000 में खरीदना पड़ता है।
गौरतलब है कि जंघई आरक्षण केंद्र 3 जिलों प्रयागराज जौनपुर एवं भदोही को जोड़ता है जिसके कारण यहां दूर दराज से हजारों लोग टिकट लेने के लिए आते हैं। जंघई आरक्षण केंद्र पर टिकट दलाल पप्पू धोबी के गुर्गे ना सिर्फ टिकट दलाली करते हैं बल्कि आम व्यक्ति जो टिकट निकालने के लिए आरक्षण केंद्र पर पहुंचता है उसे आगे की पंक्ति में खड़ा होने से रोकते भी हैं जरूरत पड़ने पर मारपीट एवं गाली गलौज भी करते हैं। लोगों का कहना है कि इस काम में आरपीएफ एवं जीआरपी जंघई दलालों की पूरी मदद करता है इसीलिए स्थानीय लोगों को लाइन में लगने के बावजूद कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता।
इस विषय में जब आरपीएफ एवं जीआरपी से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं उठा। गौरतलब है कि पप्पू धोबी जंघई आरक्षण केंद्र का चिन्हित दलाल है जो कई बार टिकट दलाली करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है और जेल भी गया है बावजूद इसके जीआरपी और आरपीएफ ने उसे शरण दे रखा है और उस पर कोई कार्यवाही नहीं करती जिससे क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश का माहौल व्याप्त है।