कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज
रंगमंचकी प्रत्येक विधाओं का प्रशिक्षण लेना रंगकर्मियों के लिए आवश्यक है। यह कार्यशाला जहां रंगकर्म को समृद्ध करेगी वही प्रोफेशनल भी बनाएगी। उक्त बाते उतर मध्य सांस्कतिक केद्रं के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि रंगमंचीय इतिहास में पहली बार प्रयागराज में एनसीजेडसीसी ने प्रकाश अभिकल्पन कार्यशाला का आयोजन किया है। आज के बदलते परिवेश में युवाओं को अपडेट रहना चाहिए, यह तकनीकी का दौर है। स्पर्धा बढी है। ऐसे में हम जब तक रंगमंच की सभी विधाओं को बारीकि से नहीं सीखेंगे तो अच्छी नाट्य प्रस्तुतियां नहीं दे पाएगें। आगे उन्होंने लैपटाप का उदाहरण देते हुए बदलते आधुनिक चीजों को बखूबी से बताया।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज, सस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारर 15 दिवसीय प्रकाश अभिकल्पन कार्यशाला पर प्रेस वार्ता का आयोजन सांस्कृतिक केंद्र परिसर में रविवार को किया गया। वही संगीत नाटक अकादमी सम्मान से सम्मानित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के वरिष्ठ संकाय सदस्य सुरेश भारद्वाज ने कहा किसी भी नाटक, फिल्म या सीरियल में सेट डिजाइन का महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह कार्यशाला 26 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगी। कार्यशाला के लिए 29 प्रतिभागियों का साक्षात्कार के माध्यम से चयन किया गया है, जिसमें प्रयागराज के अतिरिक्त राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार के प्रतिभागियों ने भी हिस्सा लिया है।