}(document, "script")); भारतीय राजनीति के नकारात्मक पहलू

भारतीय राजनीति के नकारात्मक पहलू


अजीत सिंह सरकार। प्रयागराज

भारत जैसे बृहद लोकतांत्रिक देश में अनेक राजनीतिक पार्टियों के होने के बावजूद बहुत सी समस्याएं भी सामने आई हैं जो हमारे देश के विकास और प्रगति के पथ पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं।

सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कारण जो भारतीय राजनीति और उसके विकास को जड़ से कमजोर कर रहा है वह है "भ्रष्टाचार " हमारे राष्ट्र में किसी भी तरह के गलत काम को करवाने के लिए रिश्वत देकर उस काम को करवाना और उसे सही साबित करवाना यह सब भ्रष्टाचार के ही कारण हैं।

सरकारी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार की मात्रा बहुत अधिक है। इन सभी का नियंत्रण राजनीतिक पार्टियों के हाथ में ही होता है। हमारे भारतीय राजनीति में राजनैतिक पार्टियां अपनी पार्टियों के हित में पैसा इकट्ठा करने के लिए लोगों से अवैध पैसे लेकर अवैध तरह की भर्तियां करवाती हैं। जिसके कारण हमारे भारत देश के उज्जवल और होनहार छात्रों का भविष्य गर्त में चला जाता है ।राजनीतिक पार्टियों द्वारा इकट्ठा किया गया यह पैसा चुनाव के समय लोगों से वोट मांगने के लिए और यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा की लोगों का वोट खरीदने के लिए इन पैसों का इस्तेमाल किया जाता है।

भारतीय राजनीति में चुनाव के दौरान बड़े-बड़े राजनेता विनम्रता से पेश आते हैं। और लोगों से अपनी नीतियों और तरक्की एवं वादों की बौछार करते हैं ।फिर चुनाव जीतने के बाद वही राजनेता आम जनमानस की आने वाली समस्याओं को दरकिनार कर अपना स्वार्थ देखते हैं ।और कहीं-कहीं तो चुनाव जीतने के बाद यह राजनेता अपनी ही जनता को हर तरीके से प्रताड़ित करते हैं और अपनी पावर का अर्थात कुर्सी की ताकत का गलत इस्तेमाल करते हैं।

 भारतीय राजनीति में पहले से उपस्थित शक्तिशाली राजनेताओं के कारण जो सही व्यक्ति है और लोगों की सच्ची श्रद्धा से सेवा करना चाहता है वह कभी चुनाव जीत ही नहीं पाता ।और ऐसे ताकतवर नेता भारतीय राजनीति में अपनी कूटनीति का इस्तेमाल कर उनको चुनाव लड़ने भी नहीं देते। और अपने चुनाव जीतने के लिए अलग-अलग अवैध तरह की रणनीति का इस्तेमाल कर सत्ता में आते हैं।

सत्ता की कुर्सी पर जो भी राजनेता बैठ जाता है वह कभी भी किसी भी कीमत पर अपनी सत्ता और अपना नियंत्रण नहीं खोना चाहता। अपनी कुर्सी को बचाने के लिए नेता फर्जी अफवाहें, झूठी बातें, झूठे वादे, पैसा देकर मीडिया को झूठी खबरें फैलाने को कहते हैं इस तरह से जनता में गलत संदेश जाने से दूसरी पार्टी के नेताओं से आम जनमानस का विश्वास कम होने लगता है और गलत राजनेताओं के जीत का मार्ग और मजबूती का रूप ले लेता है।

भारतीय राजनीति में यहां के राजनीतिक दलों में युवाओं की बहुत कमी है ।उसका मुख्य कारण यह है की राजनीति अब पैसे वालों के लिए ही हो गई है। इसलिए जो अच्छे एवं सच्चे और कर्मठ युवा राजनीति में आना चाहते हैं या तो वह पैसों की कमी से या फिर उन्हें दबाव देकर राजनीति में आने नहीं दिया जाता है। और इस तरह से यह झूठे लोग हमारे देश को सेवा के नाम पर खोखला करते जा रहे हैं।

निष्कर्ष -

हमारे देश की भारतीय राजनीति अच्छे और बुरे अनुभवों का एक मिश्रण है। जिधर एक नेता अपनी अच्छी छवि से भारतीय राजनीति को उजागर करता है तो वहीं दूसरी तरफ तमाम तरह के गलत नेताओं के गलत तरीके से चुनाव जीतना और उन्हें अपने निजी स्वार्थ के लिए राजनीति में इस्तेमाल करना भारतीय राजनीति की छवि को धूमिल बनाता है। भारत जैसे वृहद लोकतांत्रिक देश में आम जनता को यह हक दिया गया है कि वह अपनी पसंद से अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव कर सके। यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी रहती है कि वह देश तर्कसंगत या निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराए जिससे देश की उन्नति और तरक्की पूर्णतया पुख्ता रूप से संभव हो सके। और भारत देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत स्तंभ के रूप में स्थापित हो सके।

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