}(document, "script")); प्रयागराज के 130 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन हो सकता है रद्द, पढिए क्या है पूरा मामला

प्रयागराज के 130 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन हो सकता है रद्द, पढिए क्या है पूरा मामला

 


कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज

प्रयागराज के 130 अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से अस्पताल संचालकों को नोटिस दिया गया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना प्रयागराज में धड़ाम हो गई है। यह 130 ऐसे अस्पताल हैं जो आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध हैं लेकिन बीते 6 माह में आयुष्मान योजना के एक भी मरीज को अस्पताल में नहीं भर्ती किए गए हैं।

इनमें शहर के कई बड़े निजी अस्पताल हैं। CMO (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डॉ. आशु पांडेय ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि आयुष्मान भारत योजना के जो भी लाभार्थी हैं उनका इलाज मुफ्त कराया जाए लेकिन कुछ अस्पताल इसमें लगातार मनमानी कर रहे हैं। ऐसे 130 अस्पतालों की सूची तैयार कर ली गई है।

अस्पताल संचालकों को 15 दिन की मोहलत : आयुष्मान भारत योजना के जनपद के नोडल अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने “कवरेज इंडिया” को बताया कि इन अस्पतालों को नोटिस के माध्यम से निर्देशित किया गया है कि 15 दिन के अंदर कम से कम 3 से 4 आयुष्मान भारत योजना के पात्र मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज करें। यह क्रम आगे के लिए बनाए रखें। ऐसा न करने वाले अस्पतालों का आयुष्मान भारत योजना से संबद्धता खत्म कर दी जाएगी, इतना ही नहीं इन अस्पतालों का पंजीकरण भी निरस्त करने की प्रक्रिया की जाएगी।

अधीक्षकों का रोका जाएगा वेतन : डॉ. राजेश ने बताया कि जनपद के 9 सरकारी अस्पताल भी ऐसे हैं जो आयुष्मान भारत योजना के मरीजों को नहीं भर्ती कर रहे हैं। ऐसे अस्पतालों के अधीक्षकों का वेतन रोका जाएगा। सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान मित्र की तैनाती न होने की वजह से आयुष्मान भारत के मरीजों को लाभ नहीं मिल रहा है। डॉ. राजेश बताते हैं कि आयुष्मान मित्र तैनात करने की प्रक्रिया चल रही है जल्द ही सभी सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान मित्र तैनात कर दिए जाएंगे।

आंकड़े :

- प्रयागराज में कुल 184 अस्पताल हैं जो आयुष्मान भारत योजना की सूची में हैं।

- 34 अस्पताल सरकारी हैं, इसमें 9 अस्पतालों में योजना को नजरअंदाज किया गया है।

- 130 अस्पताल ऐसे हैं जो आयुष्मान भारत योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

- जनपद में कुल लगभग 14 लाख लाभार्थी हैं।

- अभी तक कुल 6 लाख से ज्यादा लाभार्थियों का गोल्डेन कार्ड बनाया जा चुका है।

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