}(document, "script")); प्लेट्लेट की हाय तौबा के बदले मरीज को रखें हाइड्रेट : डॉ अलोक मिश्रा

प्लेट्लेट की हाय तौबा के बदले मरीज को रखें हाइड्रेट : डॉ अलोक मिश्रा


कवरेज इंडिया न्यूज़ डेस्क

प्रयागराज : आज डेंगू का बुखार इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि हर घर में आप को मरीज मिल जायेंगे , हर तरह के बुखार होने पर पहली आशंका डेंगू की शंका को बढ़ा देता है , इस दौरान सबको रक्त के आवश्यक पार्ट प्लेटलेट पर बहुत जानकारी नहीं है और प्लेटलेट्स के लिए एक तरह से परेशानी पैदा हुई लोगों को परेशान होते हुए देखा गया . 

प्रयागराज के प्रख्यात गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ अलोक मिश्रा ने बताया कि प्लेटलेट का केवल माहौल बनाया जा रहा है , प्लेटलेट्स की जरूरत तब तक नहीं होती है जब तक ब्लीडिंग न हो , अगर इन्सान के शरीर में स्वस्थ पलटलेट्स दस हजार भी है तो मरीज को कोई दिक्कत नहीं है और प्लेटलेट्स चढ़ाना जरुरी नहीं है , इंडियन मेडिकल गाइडलाइन में प्लेटलेट दे सकते हैं कहा गया है , देना ही है यह जरुरी नहीं है . 

डॉ मिश्रा ने बताया कि शरीर को डी - हाइड्रेशन से बचाना सबसे जरुरी है, डेंगू बुखार में शरीर से पानी कम होने लगता है और शरीर में तरल पदार्थ का होना जरुरी है , आप पानी , नमक पानी चीनी का घोल , शिकंजी पीकर अपने शरीर को हाइड्रेट रखें यह बहुत महत्वपूर्ण है . 

एक सवाल के जवाब में डॉ अलोक मिश्रा ने यह भी बताया कि डेंगू का मरीज ठीक होता है उसके 48 घंटे तक शरीर को पानी की बहुत जरूरत होती है , तमाम लोग लापरवाह हो जाते हैं जिसकी वजह से उनकी हालत बिगड़ जाती है , लिहाजा सबसे ज्यादा जरुरी है शरीर को हाइड्रेट रखें और प्लेटलेट्सट्स कब देना है कब नहीं देना है यह डॉक्टर पर छोड़ दें.

डॉ मिश्रा ने यह भी बताया कि जो तमाम तरह के उपाय प्लेटलेट्स बढ़ने के लिए किये जाते हैं पपीता की पत्ती का रस , चीकू आदि उनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं उपलब्ध है प्लेटलेट्स बढ़ने में केवल; मनोवैज्ञानिक संतुष्टि है , जबकि तीन से चार दिन बाद प्लेटलेट्सट्स की रिकवरी शरीर खुद कर लेता है . 

डॉ अलोक मिश्रा के अनुसार प्लेटलेट्स काम होने के कई और वजह हो सकती है , डेंगू के बचाव के लिए जरूरी है मच्छर से सावधान रहें , मच्छर से बचे , पूरी बाह वाली शर्त पहने , मच्छरदानी का प्रयोग करें , आसपास पानी न जमने दें . जब तक ब्लीडिंग की स्थित नहीं आती है तब तक प्लेटलेट्स नहीं चढाने के जरूरत है अगर किसी के शरीर में दस हजार प्लेटलेट्स काउंट होता है और हेल्थी प्लेटलेट्स है और मरीज तरल पदार्थ ले रहा है वो जल्द ठीक हो जायेगा , जानकर बने और दूसरों को भी बताएं , प्लेटलेट्स को लेकर ज्यादा हाय तौबा करने की जरूरत नहीं है , डॉक्टर से सलाह लें और उसके अनुसार मरीज की देखभाल करें . 

प्लेटलेट्स पर बात करते हुए डॉ मिश्रा ने यह भी बताया कि चढाने वाला प्लेटलेट्स शरीर से निकलने के बाद 3 से 6 घंटे तक एक निश्चित तापमान पर सही रहता है उसके बाद वो ख़राब भी हो सकता है , नकली प्लेटलेट्स होता ही नहीं है और लैब में ही यह पता चल सकता है कि प्लेटलेट्स की क्वालिटी सही है या नहीं ..

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