}(document, "script")); Rohingya Refugees: फर्जी है रोहिंग्या को बसाने की खबर, गृह मंत्रालय ने कहा ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया, पढ़िए विस्तार से

Rohingya Refugees: फर्जी है रोहिंग्या को बसाने की खबर, गृह मंत्रालय ने कहा ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया, पढ़िए विस्तार से


कवरेज इंडिया न्यूज़ डेस्क

Ministry of Home Affairs on Rohingya Refugees: गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने साफ किया है कि रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को किसी भी ईडब्ल्यूएस फ्लैट (EWS Flats) में शिफ्ट करने का कोई निर्णय गृह मंत्रालय ने कभी नहीं लिया है. मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, ''रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को लेकर मीडिया रिपोर्टों के संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है.''

बयान में कहा गया है, ''दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था. MHA ने GNCTD को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या अवैध विदेशी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि MHA (गृहमंत्रालय) पहले ही MEA (विदेश मंत्रालय) के माध्यम से संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है.''

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गृहमंत्रालय ने कहा, ''अवैध विदेशियों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है. दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है. उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं.''

इससे पहले केंद्रीय आवासन और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई की स्टोरी को ट्वीट करते हुए लिखा कहा था कि जो लोग भारत की रिफ्यूजी पॉलिसी के खिलाफ झूठी अफवाह फैलाने का काम करते हैं और इसे CAA से जोड़ते हैं उन्हें निराशा मिलेगी. भारत संयुक्त राष्ट्र के रिफ्यूजी कन्वेंशन 1951 को मानता है और रंग, धर्म और जाति के बिना जिसे भी जरूरत है उसे शरण देता है.

विदेश मंत्रालय पहले उठा चुका अवैध रोहिंग्या मामला

मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा.गृहमंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अवैध रोहिंग्या विदेशी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि गृहमंत्रालय पहले ही विदेश मंत्रालय के माध्यम से संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है.

निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रहेंगे

मंत्रालय ने कहा कि अवैध विदेशों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है। दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिंटेशन सेंटर घोषित नहीं किया है. उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं.




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