}(document, "script")); 7 साल की नौकरी में ही करोड़पति बन गया DSP, पत्नी से लेकर ससुर तक के नाम पर खरीदी संपत्ति

7 साल की नौकरी में ही करोड़पति बन गया DSP, पत्नी से लेकर ससुर तक के नाम पर खरीदी संपत्ति

कवरेज इंडिया न्यूज़ डेस्क। बिहार में अवैध संपत्ति अर्जित करने वाले सरकारी सेवकों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। ताजा मामला 67वीं BPSC पेपर लीक कांड मामले में गिरफ्तार और निलंबित पुलिस उपाधीक्षक रंजीत रजक से जुड़ा है जिनके विभिन्न ठिकानों पर हुई छापेमारी में काली कमाई से अर्जित अकूत संपत्ति का पता चला है। बिहार पुलिस की ही EOU (आर्थिक अपराध इकाई) की टीम ने रंजीत के पास से अकूत संपत्ति बरामद की है।

EOU के ADG नैय्यर हसनैन खान से मिली जानकारी के मुताबिक डीएसपी ने परिवार के सदस्यों के नाम पर काफी संपत्ति बना ली थी। आर्थिक अपराध इकाई को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि रंजीत कुमार रजक ने अपने पद का जमकर दुरूपयोग कर अकूत परिसम्पत्तिया अपने और अपने परिजनों के नाम से अर्जित कर रखी है। अनुसंधान के दौरान पाया गया कि रजक द्वारा अपनी पत्नी के नाम से मोहल्ला धनौत थाना-रूपरापुर, पटना में 6.3 डीसमिल का एक आवासीय भूखण्ड करीब 51,05,800 रूपये में क्रय किया गया है। इनके द्वारा अपनी पत्नी के नाम से मौजा हंसवर थाना-मनिहारी, जिला-कटिहार में 29 डिसमिल का एक आवासीय भूखण्ड करीब 5.90 लाख रूपये में क्रय किया गया है।

डीएसपी द्वारा मां के नाम से मौजा हंसवर थाना-मनिहारी जिला- कटिहार स्थित 28.5 डिसमिल का एक आवासीय भूखण्ड क्रय किया गया है. इतना ही नहीं रजक ने अवैध रूप से अर्जित पैसे को व्हाइट मनी में बदलने के लिये अपने पैतृक ग्राम-हंसावर में अपनी विवाहिता बहन के नाम से हैप्पी फ्यूल सेंटर नामक भी खोल डाला, जिसमें सम्पूर्ण निवेश डीएसपी रजक का ही है. रजक और उनकी पत्नी के नाम से चल रहे बैंक खातों में काफी मात्रा में नगद राशि जमा करायी गयी है साथ ही भारी मात्रा में राशि का चेक एवं इलेक्ट्रॉनिक मोड में स्थानान्तरण हुआ है. रजक द्वारा अपने ससुर के नाम से एक टोयोटा इनोवा क्रिस्टा वाहन भी खरीदे जाने की बात प्रकाश में आयी है.

बालू से लेकर कई अपराध का खुलासा

आर्थिक अपराध इकाई का कहना है कि बालू के अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण तथा गैर कानूनी व्यापार के संबंध में आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम राज्य में बड़ा अभियान चला रही है। इसमें ऐसे पदाधिकारियों पर शिकंजा कसा जा रहा है जो कम समय में ऐसे अपराधों से मोटी कमाई किए हैं। इसी क्रम में पालीगंज के तत्कालीन अचलाधिकारी और भोजपुर के संदेश थाना के पूर्व थानाध्यक्ष पंकज कुमार पर काली कमाई से संपत्ति बनाने का केस दर्ज करने के बाद रेड की है। रेड के दौरान दोनों पदाधिकारियों के कई ठिकानों पर घंटों छापेमारी की गई है।

दारोगा निकल ब्लैक मनी का मास्टरमाइंड

भोजपुर के संदेश थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने भी आय काफी अधिक संपत्ति बनाई है। वह 2009 बैच के सीधे नियुक्त पुलिस अवर निरीक्षक हैं। औरंगाबाद एवं भोजपुर जिले में पदस्थापित रहने के दौरान खूब काली कमाई की है। अपने सेवा काल में इन्होंने अपने पद का भ्रष्ट दुरुपयोग कर ब्लैक मनी कमाई और उसका गाड़ी व जमीन में इनवेस्ट किया। इनके द्वारा अपने पैतृक ग्राम गया के डुमरा में एक कट्ठा जमीन में 2 तल्ला मकान बनाया गया है, जिसमें करीब 25 लाख रुपए व्यय किए जाने की सूचना है। वेतन मद में इन्हें लगभग 57 लाख रुपए प्राप्त होना है।

इनके द्वारा पत्नी के नाम से गया के कॉटन जूट मिल बालाजी नगर में 03.12 डी आवासीय भू - खण्ड , जिसे 4.73 लाख में क्रय कर निबंधन कराया गया है। इसी भू-खण्ड पर लगभग 30 लाख रुपए में एक मकान बनाया गया है। इसके अतिरिक्त पत्नी के नाम से ही पैतृक ग्राम अहियापुर थाना कोंच में 34 कट्ठा कृषि भू-खण्ड 8,01,000 रुपए में खरीदा गया है। 30 जून 2021 को इनके तथा इनकी पत्नी के खाते में करीब 58,82,342 रुपए जमा पाए गए है। इनके द्वारा अपने रिश्तेदार के नाम से एक ब्रेजा कार करीब 12,26,913 रुपए में खरीदा गया है तथा स्वयं के नाम से 50,000 रुपए में हिरो होण्डा पैसन मोटर साईकिल खरीदा गया है। इनकी आय से अधिक सम्पत्ति वैध श्रोत से 136.19 % अधिक पाई गई है।

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