}(document, "script")); Prayagraj में मौलाना समेत 4 के खिलाफ FIR दर्ज, महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से 31 बच्चों को ले जाने के मामले में बड़ा एक्शन, पढ़िए विस्तार से

Prayagraj में मौलाना समेत 4 के खिलाफ FIR दर्ज, महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से 31 बच्चों को ले जाने के मामले में बड़ा एक्शन, पढ़िए विस्तार से


कवरेज इंडिया न्यूज़ डेस्क प्रयागराज

Prayagraj। प्रयागराज महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से बच्चों को ले जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है.मौलाना अब्दुर्रब समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. अनधिकृत तरीके से बच्चों को ले जाने के मामले में ये मुकदमा जीआरपी की तरफ से दर्ज कराया गया है. गुरुवार को महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से रेस्क्यू करके 21 नाबालिग बच्चों को जीआरपी ने छुड़ाया था. मदरसे में पढ़ाई के नाम पर बच्चों को ले जाया जा रहा था.

प्रयागराज जंक्शन पर आरपीएफ और जीआरपी ने बिहार से आ रहे करीब तीन दर्जन बच्चों को महानंदा एक्सप्रेस से रेस्क्यू किया गया. ये मामला मानव तस्करी का बताया जा रहा है. हालांकि जीआरपी मामले की छानबीन में जुटी हुई है. CWC (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) के अध्यक्ष ने सभी बच्चों का बयान दर्ज किया और मामला मानव तस्करी का बताया जा रहा है. 

इस बात की भी जानकारी हुई है कि एजेंटों ने बच्चों के परिजनों से उन्हें मदरसा भेजने और नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे भी लिए हैं. फिलहाल सीडब्लूसी ने अपनी पूरी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी प्रयागराज संजय खत्री को सौंप दी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही जीआरपी ने मौलाना अब्दुल रब समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं इस पूरे प्रकरण पर बच्चों के परिजनों को भी सीडब्ल्यूसी की तरफ से सूचना दे दी गई है. कई बच्चों के परिजन भी प्रयागराज के खुल्दाबाद स्थित बाल शिशु गृह पहुंचे हैं. सिडब्लूसी के चेयरमैन अखिलेश मिश्रा का कहना है कि बच्चों का राजीनामा लेकर उनके परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा. साथ ही जो लोग अनधिकृत तरीके से बच्चों को ले जा रहे थे. उनके खिलाफ चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की तरफ से भी कानूनी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी गई है.

गौरतलब है कि महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से गुरुवार की शाम प्रयागराज जंक्शन पर जीआरपी की टीम ने नाबालिक बच्चों को रेस्क्यू करके उतारा था. इन बच्चों को ले जाने वाले मौलाना अब्दुल रब समेत चार लोगों को भी जीआरपी ने हिरासत में लिया था. इन सभी से पूछताछ के बाद यह खुलासा हुआ है कि बच्चों को अनधिकृत तरीके से बगैर किसी कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिहार के अलग—अलग जिलों से लेकर उन्हें दिल्ली और फतेहपुर ले जाया जा रहा था. ऐसे में सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.



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