Viral Video: घर के सामने से शख्स को यूं उठा ले गया बाघ, वीडियो देख सहम गए लोग शख्स पर बाघ ने किया हमला! जानिए पूरी सच्चाई

मुंबई। सोशल मीडिया पर तहलका मचा देने वाला एक वीडियो इन दिनों सुर्खियों में है। इसमें एक विशालकाय बाघ घर के बाहर कुर्सी पर आराम फरमा रहे व्यक्ति पर धावा बोलता नजर आता है और उसे घसीटते हुए ले जाता है। CCTV फुटेज जैसा दिखने वाला यह क्लिप 31 अक्टूबर, सुबह 6:42 बजे की तारीख-समय स्टैंप के साथ वायरल हो रहा है, जिससे लोग इसे ताजा घटना समझकर डर के मारे शेयर कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के ब्रह्मपुरी फॉरेस्ट गेस्ट हाउस की घटना है – ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के करीब होने से बाघों की मौजूदगी यहां आम बात है। नतीजा? वीडियो को 1.83 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं, और लोग जंगलों के आसपास रहने वालों को सतर्क करने लगे हैं।

लेकिन सच्चाई क्या है? अधिकारियों ने लगाई मुहर

वीडियो की बाढ़ की तरह शेयरिंग होते ही चंद्रपुर के वन विभाग ने फौरन सफाई दी। ब्रह्मपुरी रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर (RFO) सचिन नारद ने साफ शब्दों में कहा, "यह वीडियो हमारा नहीं है। ब्रह्मपुरी या चंद्रपुर से इसका कोई लेना-देना नहीं।" लोकेशन का खुलासा न होने के बावजूद, अधिकारियों ने इसे फर्जी करार दिया। नारद ने चेतावनी भी जारी की: "ऐसी अफवाहें फैलाने से बाघ-प्रवण इलाकों में बेवजह घबराहट फैलती है। कृपया सत्यापन के बिना शेयर न करें।"

AI का 'जादू' या धोखा? नेटिजन्स की नजर में खामियां

वीडियो देखकर जहां कुछ यूजर्स 'जंगली जानवरों से सावधान रहने' की सीख दे रहे हैं, वहीं स्मार्ट नेटिजन्स ने इसकी असलियत पर उंगली उठाई। एक यूजर ने लिखा, "यह AI-जेनरेटेड लगता है – बाघ की हरकतें और बैकग्राउंड में कुछ 'गड़बड़ियां' साफ दिख रही हैं।" दूसरे ने मजाकिया अंदाज में कहा, "AI मूवी तो कमाल की है, लेकिन हॉलीवुड से बेहतर नहीं!" यहां तक कि Grok जैसे AI चैटबॉट से पूछने पर भी जवाब आया: "यह वीडियो असली नहीं, बल्कि डिजिटल जाल है।"

क्यों हो रही ऐसी अफवाहें? और क्या करें हम?

ताड़ोबा जैसे संरक्षित क्षेत्रों के पास रहने वाले लोगों में पहले से ही बाघों की सैर-सपाटे की खबरें चिंता बढ़ाती हैं। लेकिन AI टूल्स के इस दौर में फेक वीडियो बनाना आसान हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे क्लिप्स न सिर्फ दहशत फैलाते हैं, बल्कि असली वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

सलाह: अगली बार वायरल कंटेंट शेयर करने से पहले फैक्ट-चेक करें। वन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप्स पर ताजा अपडेट्स देखें। याद रखें – सच्चाई फैलाएं, अफवाह नहीं!

एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने