कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज
वाराणसी : काशी क्षेत्र में स्थित श्रीवन शक्ति देवी धाम में पूज्य श्री 1008 रतन वशिष्ठ जी महाराज के पीठाधीश्वर बनने के साथ ही एक नए युग की शुरुआत हुई है। ऋषि सनातन संघ के संस्थापक महाराज श्री न केवल धाम की आध्यात्मिक गरिमा को पुनर्जनन दे रहे हैं, बल्कि इसे सामाजिक कल्याण और सांस्कृतिक उत्थान का केंद्र भी बना रहे हैं।
धाम में आध्यात्मिक सुधार और पवित्रता के लिए नए नियम
महाराज श्री के नेतृत्व में धाम की पवित्रता को बनाए रखने के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। मंदिर परिसर में अश्लील गानों पर डीजे बजाना और जूते-चप्पल पहनकर प्रवेश करना पूरी तरह निषिद्ध है। गर्भगृह की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए भक्तों के सीधे स्पर्श पर भी रोक लगाई गई है।
इसके अतिरिक्त, महाराज श्री ने स्वयं आरती, चालीसा और धार्मिक पुस्तकों की रचना की है, जो पूजन और भजन को व्यवस्थित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाती हैं। ये प्रयास भक्तों को सही मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ-साथ धाम की धार्मिक गरिमा को और बढ़ा रहे हैं।
जन कल्याण और सामाजिक उत्थान की भव्य योजनाएं
महाराज श्री का विजन केवल आध्यात्मिक सुधार तक सीमित नहीं है। वे धाम को एक बहुआयामी केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें निम्नलिखित योजनाएं शामिल हैं:
गुरुकुल: वैदिक शिक्षा और आधुनिक ज्ञान का समन्वय कर बच्चों को सुसंस्कृत और संस्कारित नागरिक बनाने के लिए एक गुरुकुल स्थापित किया जाएगा।
गौशाला: भारतीय संस्कृति में गौ माता के महत्व को रेखांकित करते हुए एक भव्य गौशाला का निर्माण होगा, जो गौ संरक्षण को बढ़ावा देगी।
सामाजिक उत्थान: ऋषि सनातन संघ के माध्यम से गरीब और वंचित वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जाएंगी, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी।
ये पहल न केवल धाम को आस्था का केंद्र बनाएंगी, बल्कि काशी क्षेत्र में आर्थिक विकास और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेंगी।
भक्तों से सहयोग की अपील
इस महान और पुनीत कार्य को साकार करने के लिए महाराज श्री और ऋषि सनातन संघ ने सभी भक्तों और समाजसेवियों से सहयोग की अपील की है। आपका छोटा-सा योगदान इस दिव्य धाम को आध्यात्मिक और सामाजिक कल्याण का एक अनुपम केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
एक नया काशी, एक नया विजन
पूज्य श्री 1008 रतन वशिष्ठ जी महाराज के नेतृत्व में श्रीवन शक्ति देवी धाम काशी न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक बन रहा है, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का भी केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। आइए, इस पवित्र कार्य में सहभागी बनें और काशी की इस नई यात्रा का हिस्सा बनें।