'BJP वाले पूजा पाल को मार देंगे और जेल हमें जाना पड़ेगा...'; अखिलेश यादव ने क्यों कहा ऐसा?


कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो लखनऊ 

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि "बीजेपी वाले पूजा पाल को मार देंगे और जेल हमें जाना पड़ेगा।" यह बयान सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल के हालिया खतरे के दावों के जवाब में आया है। पूजा पाल ने अखिलेश यादव को सीधे जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि अगर उनकी हत्या हो जाती है, तो इसका वास्तविक दोषी सपा और अखिलेश यादव होंगे। इस मामले ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है, और अखिलेश ने केंद्र सरकार से जांच की मांग की है। आइए इस खबर को विस्तार से समझते हैं।

पूजा पाल कौन हैं? उनका राजनीतिक सफर

पूजा पाल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की चायल विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व विधायक राजू पाल की विधवा हैं, जिनकी 2005 में हत्या कर दी गई थी। राजू पाल की हत्या में मुख्तार अंसारी जैसे माफिया सरगनाओं का नाम आया था, और इस घटना ने पूजा को राजनीतिक रूप से सक्रिय बनाया। पूजा ने बाद में सपा का दामन थामा और 2022 के विधानसभा चुनाव में चायल से जीत हासिल की। वह अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जो सपा की PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति का हिस्सा मानी जाती हैं।

हालांकि, पूजा पाल की सपा में मुश्किलें तब शुरू हुईं जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सार्वजनिक रूप से तारीफ की। 14 अगस्त 2025 को एक वीडियो में पूजा ने कहा, "योगी जी ने जो कानून-व्यवस्था सुधारी है, वह सराहनीय है।" इस बयान को सपा ने "पार्टी के खिलाफ गतिविधि" और "अनुशासनहीनता" माना, और अखिलेश यादव ने उन्हें तुरंत पार्टी से निष्कासित कर दिया। भाजपा ने इसकी सराहना की और पूजा को समर्थन दिया, जिससे अटकलें लगीं कि वह भाजपा में शामिल हो सकती हैं। हालांकि, पूजा ने हाल ही में कहा कि वह भाजपा जॉइन करने की योजना नहीं बना रही हैं।

पूजा पाल का खतरे का दावा और अखिलेश को पत्र

निष्कासन के कुछ दिनों बाद, 22 अगस्त 2025 को पूजा पाल ने अखिलेश यादव को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया। पत्र में पूजा ने कहा, "अगर मेरे पति की तरह मेरी हत्या हो जाए, तो इसका वास्तविक दोषी सपा और अखिलेश यादव को माना जाए।" उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने उन्हें बिना सुनवाई के निष्कासित किया, जो उनके समुदाय (SC) के खिलाफ भेदभाव है। पूजा ने अखिलेश पर "अहंकार" का भी आरोप लगाया और कहा कि पार्टी में अपराधियों को संरक्षण दिया जाता है, जबकि उन्हें योगी की तारीफ करने के लिए सजा मिली।

पूजा ने पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिससे मामला और गरमा गया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं, और वह अपने पति की हत्या जैसी घटना की आशंका से डर रही हैं। यह पत्र सियासी दलों के बीच तनाव बढ़ाने वाला साबित हुआ, क्योंकि भाजपा ने इसे सपा का "आंतरिक कलह" बताया, जबकि सपा ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया।

अखिलेश यादव का जवाब: BJP पर आरोप और जांच की मांग

आज (24 अगस्त 2025) लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने पूजा पाल के दावों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "हम विपक्ष में हैं और पूजा पाल का दावा है कि उन्हें हमसे खतरा है। यह संभव है कि भाजपा के लोग उन्हें मार दें और फिर सपा को जिम्मेदार ठहराएं। इसलिए जांच होनी चाहिए कि आखिर उन्हें किससे खतरा है।" अखिलेश ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की, और उत्तर प्रदेश सरकार पर भरोसा न करने का कारण बताया कि राज्य सरकार विपक्ष को परेशान कर रही है।

अखिलेश ने आगे कहा कि पूजा पाल का बयान भाजपा की चाल है, और अगर कोई घटना होती है तो सपा को फंसाया जाएगा। उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में पूछा, "अगर यहां हॉल में कोई घटना हो जाए तो आप जिम्मेदार होंगे, तो हम कैसे जिम्मेदार होंगे?" यह जवाब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और अखिलेश की "हाजिरजवाबी" की तारीफ हो रही है।

इसके अलावा, अखिलेश ने यूपी सरकार पर अन्य आरोप भी लगाए, जैसे किसानों को खाद की कमी से परेशान करना और स्कूलों को समय पर न खोलना। उन्होंने कहा कि सपा PDA रणनीति पर कायम है, लेकिन पूजा का मामला भाजपा की "ओबीसी वोट बैंक" हथियाने की कोशिश है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और प्रभाव

यह विवाद सपा-भाजपा के बीच लंबे समय से चल रही जंग का हिस्सा लगता है। पूजा पाल का निष्कासन सपा की PDA रणनीति पर सवाल उठाता है, जहां दलित नेताओं को महत्व दिया जाता है। भाजपा ने पूजा को समर्थन देकर SC वोट बैंक को ललचाने की कोशिश की है, लेकिन पूजा ने स्पष्ट किया कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगी। प्रयागराज में पूजा के समर्थन में नीले रंग (भाजपा का रंग) के होर्डिंग लगे, लेकिन पार्टी ने इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।

सोशल मीडिया पर यह मुद्दा ट्रेंड कर रहा है, जहां सपा समर्थक अखिलेश के बयान की तारीफ कर रहे हैं, जबकि भाजपा कार्यकर्ता इसे सपा का "ड्रामा" बता रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद 2027 के यूपी विधानसभा चुनावों से पहले दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज कर सकता है।

आगे क्या?

अखिलेश ने गृह मंत्रालय से स्वतंत्र जांच की मांग की है, लेकिन केंद्र (भाजपा शासित) का क्या जवाब आएगा, यह देखना बाकी है। पूजा पाल ने भी कहा है कि वह कानूनी सहायता लेंगी। फिलहाल, यूपी पुलिस ने पूजा की सुरक्षा बढ़ा दी है। यह मामला राजनीतिक साजिशों से भरा लगता है, और आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।

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