योगी सरकार का बड़ा फैसला: मंत्री-विधायकों की सैलरी में 40% की बढ़ोतरी, अब हर महीने मिलेंगे...

कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के मंत्रियों, विधायकों और एमएलसी (MLC) की सैलरी और भत्तों में भारी बढ़ोतरी की है। 9 साल बाद हुए इस इजाफे के बाद, अब इन जनप्रतिनिधियों को पहले से 40% ज़्यादा सैलरी मिलेगी, जिससे राज्य के खजाने पर हर साल 105.21 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

क्या है नई सैलरी और भत्तों का गणित?

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को विधानसभा में "उत्तर प्रदेश विधानमंडल सदस्य एवं मंत्रीगण सुख-सुविधा अधिनियम विधेयक, 2025" पारित होने की घोषणा की। इस नए कानून के तहत:

- मंत्रियों की सैलरी ₹40,000 से बढ़कर ₹50,000 प्रति माह हो गई है।

- विधायकों की सैलरी ₹25,000 से बढ़कर ₹35,000 प्रति माह हो गई है।

- पेंशन की न्यूनतम राशि भी ₹25,000 से बढ़कर ₹35,000 प्रति माह हो गई है।

इन बदलावों के बाद, विधायकों को अब कुल ₹2.45 लाख प्रति माह मिलेंगे, जिसमें सैलरी के अलावा अन्य भत्ते भी शामिल हैं। यह नई दरें 1 अप्रैल, 2025 से लागू होंगी।

यह फैसला मार्च 2025 में गठित एक समिति की सिफारिशों पर लिया गया, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंज़ूरी दी थी। यह बढ़ोतरी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की सहमति से हुई है।

9 साल बाद मिला यह तोहफा, क्या पड़ेगा असर?

पिछली बार 2016 में विधायकों की सैलरी और भत्तों में बढ़ोतरी हुई थी। ऐसे में, यह बदलाव लंबे समय से प्रतीक्षित था। जहाँ एक तरफ सरकार का कहना है कि यह फैसला महंगाई और जनप्रतिनिधियों के बढ़ते खर्चों को देखते हुए लिया गया है, वहीं विपक्ष का इसे स्वीकार करना भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस फैसले का सीधा असर राज्य की अर्थव्यवस्था और भविष्य की योजनाओं पर पड़ेगा।

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