कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो
Coverage India : लोकसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि साल 2024 में 2,06,378 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी, जबकि 2023 में यह संख्या 2,16,219 थी। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री ने पिछले 5 वर्षों के आंकड़े साझा किए। इसके अनुसार, 2020 में 85,256, 2021 में 1,63,370 और 2022 में 2,25,620 भारतीयों ने भारतीय नागरिकता त्याग दी। तुलना के लिए, 2011 में 1,22,819, 2012 में 1,20,923, 2013 में 1,31,405 और 2014 में 1,29,328 लोगों ने ऐसा किया था।
मंत्री ने कहा कि नागरिकता छोड़ने या विदेशी नागरिकता अपनाने के कारण व्यक्तिगत होते हैं। सरकार वैश्विक कार्यस्थल की क्षमता को पहचानती है और ज्ञान अर्थव्यवस्था के इस युग में प्रवासी भारतीयों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रवासी भारतीयों की कुल जनसंख्या 3,43,56,193 है, जिसमें 1,71,81,071 भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) और 1,71,75,122 अनिवासी भारतीय (एनआरआई) शामिल हैं।
सरकार का कहना है कि समृद्ध और प्रभावशाली प्रवासी भारतीय समुदाय देश के लिए एक परिसंपत्ति है। उनके नेटवर्क और सॉफ्ट पावर का उपयोग भारत को वैश्विक मंच पर और मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। सरकार ने प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ाव को परिवर्तनकारी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि उनकी क्षमता का अधिकतम लाभ उठाया जा सके।