कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज
प्रयागराज के मऊआइमा थाना क्षेत्र के जमखुरी गांव में मंगलवार देर रात एक सनसनीखेज घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने कुख्यात अपराधी इमरान को हिरासत में लिया, लेकिन स्थानीय महिलाओं के हस्तक्षेप के चलते वह भागने में कामयाब हो गया। इस घटना ने पुलिस कार्रवाई की प्रभावशीलता और स्थानीय समुदाय की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
अयोध्या-प्रयागराज हाईवे लूट से जुड़ा था मामला
STF की कार्रवाई अयोध्या-प्रयागराज राजमार्ग पर हाल ही में हुई एक ट्रक ड्राइवर के अपहरण और वाहन लूट की घटना से जुड़ी थी। प्राथमिक जांच में इस अपराध के तार कुख्यात अपराधी इमरान से जुड़े पाए गए। इमरान पर अपहरण, फिरौती, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग जैसे 18 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसके चलते वह पुलिस के लिए लंबे समय से वांछित था।
STF की छापेमारी और अप्रत्याशित विरोध
मंगलवार देर रात STF की दो गाड़ियों में पहुंची टीम ने जमखुरी गांव में इमरान के ठिकाने पर दबिश दी। उसे हिरासत में लेकर गाड़ी में बैठाया गया, लेकिन तभी गांव की महिलाओं का एक समूह मौके पर पहुंच गया। महिलाओं ने न केवल कार्रवाई का विरोध किया, बल्कि स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब उन्होंने एक STF जवान का कॉलर पकड़ लिया और टीम पर दबाव डाला। हालात बेकाबू होते देख STF को अपनी कार्रवाई बीच में ही रोककर पीछे हटना पड़ा, और इमरान हिरासत से फरार हो गया।
पुलिस की प्रतिक्रिया और अगले कदम
घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। STF अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इमरान की दोबारा गिरफ्तारी के लिए योजनाबद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, इस हस्तक्षेप में शामिल लोगों की भूमिका की जांच शुरू कर दी गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "यह घटना अस्वीकार्य है। हम दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे और कानून का पालन सुनिश्चित करेंगे।"
कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं। विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस कार्रवाई के दौरान स्थानीय समुदाय के हस्तक्षेप की यह घटना चिंताजनक है। प्रयागराज सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में सतर्कता बढ़ा दी गई है, और पुलिस ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए रणनीति तैयार करने की बात कही है।
जमखुरी गांव की इस घटना ने न केवल पुलिस की तैयारियों की पोल खोल दी, बल्कि यह भी उजागर किया कि कुख्यात अपराधियों को बचाने में स्थानीय समुदाय की भूमिका कितनी प्रभावी हो सकती है। अब यह देखना बाकी है कि STF और पुलिस प्रशासन इस चुनौती से कैसे निपटते हैं और इमरान जैसे अपराधी को दोबारा सलाखों के पीछे लाने में कितनी सफलता हासिल करते हैं।