शिवाकांत पाण्डेय, कवरेज इंडिया प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ : रानी अहिल्याबाई होल्कर जयंती के अवसर पर, शुक्रवार को नगर पंचायत पृथ्वीगंज कार्यालय परिसर में एक गंभीर घटना सामने आई है. रानीगंज के पूर्व विधायक अभय कुमार ओझा उर्फ धीरज ओझा और उनके 12-15 कथित गुंडों पर नगर पंचायत अध्यक्ष, उनके प्रतिनिधि और कर्मचारियों पर जानलेवा हमला करने, लूटपाट करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगा है.
मिली जानकारी के अनुसार, दोपहर करीब 12 बजे पूर्व विधायक अभय कुमार ओझा उर्फ धीरज ओझा, भूपियामऊ निवासी सुभाष मिश्रा, पूर्व प्रधान अजय मौर्य, अनूप सिंह, नौहर हुसैन पूर के प्रधान भारत सिंह, दीपू शुक्ला सहित 12-15 अज्ञात लोग नगर पंचायत कार्यालय में जबरन घुस गए.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इन लोगों ने कार्यालय में कार्यरत बड़े बाबू शिवाकांत कुशवाहा से अभद्र भाषा में बात की और नगर पंचायत की व्यवस्था पर आपत्ति जताते हुए अधिशासी अधिकारी (ईओ) और चेयरमैन को बुलाने की धमकी दी. जब कर्मचारी ने नगर पंचायत अध्यक्ष की प्रतिनिधि नीलम सरोज और उनके प्रतिनिधि संजय सरोज को सूचना दी, तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे.
आरोप है कि मौके पर पहुंचते ही आरोपियों ने कर्मचारियों से मारपीट शुरू कर दी. जब नगर पंचायत अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया, तो उन्हें भी जातिसूचक गालियां दी गईं और कहा गया, "पासी होकर सामान्य सीट से चुनाव जीत ली हो तो बड़ी नेता बन गई हो." इसके बाद सभी हमलावरों ने एक साथ हमला कर दिया और कहा, "आज इसी को यहीं मार डालो."
हमले के दौरान एक व्यक्ति ने पिस्तौल निकालकर जान से मारने की धमकी दी. नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ लात-घूंसे और डंडों से मारपीट की गई और उनकी सोने की चेन छीन ली गई. हमलावरों ने यह कहते हुए धमकी दी, "गोली मार देंगे, तुम्हारा कार्यालय जला कर राख कर देंगे."
यह पूरी घटना नगर पंचायत कार्यालय परिसर में हुई, जिससे सरकारी कार्य बाधित हुआ और वहां मौजूद कर्मचारियों तथा आम नागरिकों में भय का माहौल बन गया. जब स्थानीय लोग मौके पर जमा हुए, तो हमलावर यह कहते हुए फरार हो गए, "आज तो बच गया, अगली बार जान से मार डालेंगे."
नगर पंचायत की ओर से इस पूर्व नियोजित और प्राणघातक हमले के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया गया है. शिकायत में कहा गया है कि कार्यालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज इस पूरी घटना का स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत करती है.
इस घटना ने एक बार फिर अनुसूचित जाति के जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है. प्रार्थी ने प्रशासन से मांग की है कि इस गंभीर मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं में तत्काल FIR दर्ज कर दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए. प्रतापगढ़ जनपद में अनुसूचित जाति के जनप्रतिनिधियों के साथ इस प्रकार की घटनाएं नियमित होने और प्रशासन की कथित उदासीनता पर भी चिंता व्यक्त की गई है.