शिवाकांत पाण्डेय। कवरेज इंडिया प्रतापगढ़
रामगंज, पट्टी: नगर पंचायत रामगंज के वार्ड नंबर 4 संग्रामगंज स्थित श्री छोटी अयोध्या धाम में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा मंगलम महोत्सव के बाद आयोजित विश्व विख्यात राम कथा के पांचवें दिन श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। कथा मर्मज्ञ प्रेमभूषण जी महाराज की अमृतमयी वाणी से राम कथा का रसपान करने के लिए दूर-दूर से राम भक्त पहुंचे।
महाराज प्रेमभूषण जी ने सीता स्वयंवर की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने उस प्रसंग को जीवंत कर दिया जब स्वयंवर में उपस्थित शक्तिशाली राजा-महाराजा और राजकुमार भगवान शिव के विशाल धनुष को हिला तक नहीं सके। इस पर महाराज मिथिलेश, जो अपनी शीतलता के लिए जाने जाते थे, आवेश में आकर राजाओं की सभा को खरी-खोटी सुनाने लगे।
कथा में आगे महाराज ने बताया कि इसी दौरान अयोध्यापति दशरथ के तेजस्वी पुत्र लक्ष्मण ने गुरु विश्वामित्र के चरणों को स्पर्श कर महाराज मिथिलेश के साथ स्वाभाविक वाक्-युद्ध छेड़ दिया। गुरु विश्वामित्र ने तुरंत लक्ष्मण को शांत कर बैठने का आदेश दिया। फिर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए शिव धनुष को प्रणाम किया और जैसे ही उन्होंने उसे स्पर्श किया, वह क्षण भर में टूट गया, जिससे सीता स्वयंवर संपन्न हुआ। इस प्रसंग को सुनकर श्रद्धालु भक्ति भाव से भावविभोर हो उठे।
इससे पूर्व, व्यास पीठ से कुलदीप महाराज ने जनकपुर की सुंदरता का वर्णन करते हुए कहा कि जब गुरु विश्वामित्र दोनों राजकुमारों को लेकर जनकपुर पहुंचे तो वहां की अनुपम शोभा देखकर आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने राजकुमारी सीता और भगवान राम के प्रथम मिलन का भी सुंदर वर्णन किया, जब वे फुलवारी में पुष्प तोड़ते हुए एक-दूसरे को पहली बार निहार रहे थे। उन्होंने बताया कि इसके पश्चात भगवती सीता ने माता गौरी की आराधना कर भगवान राम को अपने वर के रूप में प्राप्त करने की प्रार्थना की थी।
इस भक्तिमय अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक पं राम अकबाल मिश्र (मिश्रा ब्रदर्स), पूर्व विधायिका लीना तिवारी, पूर्व प्रधानाचार्य श्याम शंकर मिश्रा, लाल बहादुर तिवारी, विनय सिंह प्रमुख, दाऊजी, शिव कुमार, राम लवट यादव, देशराज तिवारी, कांतिलाल दुबे, रामदीन यादव, अंबिकेश् तिवारी, प्रदीप कुमार, महेश कुमार मिश्रा, धर्मेंद्र पाण्डेय, ओमप्रकाश तिवारी, मेजर अवधेश मिश्रा, विनय पाण्डेय और आचार्य शैलेशानंद जी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति भाव के साथ कथा का श्रवण किया और भगवान राम के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।