17वीं बार रक्तदान करते समाजसेवी मंगला तिवारी |
कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज
जंघई (Prayagraj) जंघई के सेमरी गांव निवासी समाजसेवी मंगला प्रसाद तिवारी (Mangla Prasad Tiwari) ने 17वीं बार रक्त दान कर जहां क्षेत्र का मान बढ़ाया है ,वहीं जरूरत मंद लोगों को जीवन दान देने की प्रक्रिया में अहम योगदान दिया।वैसे तो विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है, कृत्रिम रक्त बनाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं लेकिन अभी तक इसका कोई सही विकल्प नहीं मिला है। रक्त का एकमात्र उपाय रक्तदान ही है। इसलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है। यह एक ऐसा दान है जो न सिर्फ अपनों की बल्कि उनका भी जीवन बचाता है जिनसे खून का कोई रिश्ता नहीं होता। उक्त बातें पुलिस मित्र द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर प्रयागराज में 17वीं बार रक्तदान करने पहुंचे मंगला प्रसाद तिवारी (Mangla Prasad Tiwari) ने हमारे प्रतिनिधि से हुई बातचीत में कही। श्री तिवारी सामाजिक कार्यों में लगातार सक्रिय रहते हैं, वे अब तक 17 बार रक्तदान कर चुके हैं। जंघई क्षेत्र से सबसे ज्यादा बार रक्तदान करने का रिकॉर्ड भी मंगला प्रसाद तिवारी (Mangla Prasad Tiwari) के नाम है, यह खुद तो समय-समय पर रक्तदान कर लोगों का जीवन बचाते ही रहते हैं साथ ही अन्य युवाओं को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित करते हैं।
गौरतलब है कि मंगला प्रसाद तिवारी (Mangla Prasad Tiwari) प्रयागराज शहर के एक हिंदी दैनिक अखबार में कार्यरत हैं। इसके साथ ही वह 'मदद फाउंडेशन' (Madad foundation) के नाम से अपनी सामाजिक संस्था भी चलाते हैं। जिसके माध्यम से गरीब, असहाय, जरूरतमंद, शोषित, वंचित व्यक्तियों को कंबल, जूता, कपड़ा, चप्पल, स्वेटर, जैकेट इत्यादि वितरित करते हैं। इस महा भीसड़ ठंड में 'मदद फाउंडेशन' (Madad foundation) ने 'सर्दी के सिपाही' (Sardi Ke Sipahi) नाम से अभियान चलाकर अब तक 500 से ज्यादा जरुरतमंद लोगों तक कंबल पहुंचा चुके है। मंगला अपनी धर्मपत्नी अमृता तिवारी (Amrita Tiwari) के साथ मिलकर 'रविवार की रसोई' भी चलाते हैं जिसके माध्यम से प्रत्येक रविवार 100 जरुरतमंद लोगों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है।