}(document, "script")); Prayagraj : किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना, किसानों के लिए टेढ़ी खीर - By Coverage India

Prayagraj : किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना, किसानों के लिए टेढ़ी खीर - By Coverage India


कमलेश तिवारी संवाददाता कवरेज इंडिया 

Prayagraj Coverage India । भले ही सरकार किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सभी किसानों को खेती करने में सहायता देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड आसानी से सुलभ कराने की बात कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत देखा जाए तो, ऐसा कुछ भी नहीं है। शासन द्वारा दिया जाने वाला किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए किसानों को खून पसीना एक करना पड़ता है, तब जाकर कहीं उनका किसान क्रेडिट कार्ड बनता है। यह कार्ड बनवाने के लिए सबसे पहले किसानों को बैंक का चक्कर काटना पड़ता है। उसके बाद बैंक के निर्देशों की अनुरूप कभी लेखपाल, तो कभी बैंक से संबंधित वकील के चक्कर भी लगाने पड़ते हैं। जिसमें किसानों के हजारों रुपए खर्च हो जाते हैं। इतना ही नहीं किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के नाम पर बैंकों व लेखपालों द्वारा सुविधा शुल्क भी लिया जाता है। 

क्षेत्र के कोटर पालपट्टी निवासी कमलेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वह अपना किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने जा रहे थे। जिसके लिए वह सबसे पहले संबंधित बैंक की शाखा इटवा पहुंचे। जहां बैंक कर्मियों द्वारा उन्हें एक वकील का नंबर थमा दिया गया, और कहा गया कि, इनसे संपर्क करिए यह आपका कागज बनवाएंगे। उसके बाद ही आपका किसान क्रेडिट कार्ड बन पाएगा। बैंक के निर्देश पर जब किसान वकील के पास पहुंचा, तो वकील ने सुविधा शुल्क ₹3000 की मांग किया। जिस पर किसान ने लौटकर संबंधित शाखा को यह जानकारी दिया। तो बैंक कर्मियों ने कहा कि, आप लेखपाल के पास जाइए, वहां खसरा खतौनी बनवाइए साथ में हिस्सा प्रमाण पत्र भी। इतने सबके बावजूद भी आप को क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कम से कम ₹5000 खर्च करने पड़ेंगे। बैंक के निर्देश पर जब किसान लेखपाल के पास पहुंचा तो,, लेखपाल रमाशंकर ने खसरा खतौनी बनाने के नाम पर ₹500 की मांग किया। न देने पर खसरा खतौनी नहीं बनाया।इस सबसे उब कर मजबूर किसान ने किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की अपनी मनसा बदल दिया। 

इसी तरह ग्राम पंचायत खौरिया निवासी हीरामणि सिंह ने बैंक ऑफ़ बड़ौदा की शाखा जारी से केसीसी लोन लेने के लिए बैंक से संपर्क किया, तो बैंक कर्मियों द्वारा उन्हें बैंक के क्रेडिट आफिसर पंकज से मिलने की सलाह दी गई। जब प्रार्थी किसान, पंकज कुमार से मिला तो उन्होंने 5% कमीशन पर किसान को 5 लाख का लोन दिलवाने की बात कही, और किसान से 5% के हिसाब से 5 लाख के 25000 रुपए की तुरंत मांग रख दी। पैसा न होने से किसान फील्ड आफिसर पंकज कुमार को ₹25000 नहीं दे सका, तो पंकज ने उसको यह कहकर बैंक से वापस कर दिया कि, आपकी केसीसी 5 लाख की नहीं केवल 260000 रुपए की बन पाएगी, क्योंकि आपकी जमीन पांच बीघे से कम है। फिर भी आपको₹15000 देने पड़ेंगे। परिणाम स्वरुप किसान ने केसीसी लेने का विचार ही छोड़ दिया।

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