}(document, "script")); Prayagraj : जिला कार्यक्रम अधिकारी के गोद लिए आंगनबाड़ी केन्द्र पर लटक रहा ताला

Prayagraj : जिला कार्यक्रम अधिकारी के गोद लिए आंगनबाड़ी केन्द्र पर लटक रहा ताला


कमलेश तिवारी संवाददाता कवरेज इंडिया प्रयागराज।

Prayagraj विकास खण्ड शंकरगढ़ अंतर्गत लालापुर क्षेत्र में संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला बंद रहता है। बाल विकास परियोजना शंकरगढ़ के अन्तर्गत नौढ़िया तरहार केन्द्र को जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रयागराज ने गोद ले रखा है, लेकिन सबसे ज्यादा दयनीय दशा नौढ़िया तरहार की ही है....। नौढ़िया तरहार के आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों की जगह पर मोटरसाइकिल और साइकिल खड़ी मिलती है और केंद्र में लटक रहा है ताला। गांव वालों ने जब इसकी शिकायत जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रयागराज से की तो उन्होंने फर्जी आश्वासन दिया कि जांच कर कार्रवाई की जायेगी। कार्यवाही तो कोसों दूर आज तक किसी आंगनबाड़ी केन्द्र की जांच तक नहीं की गई। बंद की शिकायत कई बार सीडीपीओ शंकरगढ़ और डीपीओ प्रयागराज से की गई लेकिन शिकायत को ठंड़े बस्ते में डाल दिया गया और उस पर आज तक कोई कार्रवाही नहीं की गई।

आंगनबाड़ी केंद्रों में नौनिहालों का भविष्य अंधकार में डूबता दिखाई दे रहा है। सूबे के मुखिया द्वारा नौनिहालों व गर्भवती धात्री महिलाओं को चाहे जितना योजना पहुंचाया जाए लेकिन उनके तक उनका लाभ नहीं मिल पाता है। सिर्फ कागज में कोरम पूरा कर दिया जाता है। सीडीपीओ शंकरगढ़ और डीपीओ प्रयागराज कार्यवाई करने के बजाय बंद केन्द्रों को नजर अंदाज कर रहे हैं। शासन के मंशा पर पानी फिरता हुआ इन अधिकारियों के द्वारा दिखायी दे रहा है।अधिकारी इन बंद आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्रवाई करने से आखिर क्यों डरते हैं......? इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इन अधिकारियों की छत्रछाया से ही आंगनबाड़ी केन्द्र बंन्द रहता है। लालापुर तरहार क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों की जांच की जाए तो दो चार को छोड़ कर बाकी लगभग सभी केन्द्र बंन्द मिलेंगे। 

बाल विकास परियोजना शंकरगढ़ के अन्तर्गत पण्डुवा, प्रतापपुर,डेराबारी, नौढ़िया तरहार, अमिलिया तरहार, भटपुरा,चकशिवचेर , गोइसरा, सोनवै, ओठगी, बसहाई गिधार,धरा सहित क्षेत्र में कई केन्द्रों को संबंधित विभाग द्वारा अगर चेक किया जाय तो लगभग दर्जनों केन्द्र बंद मिलेंगे। इन सभी केन्द्रों की शिकायत जब सीडीपीओ शंकरगढ़ से की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास 150 केन्द्र है और मात्र दो सुपरवाइजर है, हम इतने केन्द्रों को कैसे जांच करायें ये कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया। जब क्षेत्रीय लोगों के द्वारा बंद केन्द्रों की शिकायत जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रयागराज से किया गया तो उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच कर कार्रवाई की जायेगी, लेकिन आज तक न तो उनके द्वारा और न ही किसी अधिनस्थ अधिकारी के द्वारा बंद केन्द्रों का निरीक्षण नहीं कराया गया।

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