}(document, "script")); जिसकी झलक पाकर जनमानस ने कहा द्वितीय विवेकानंद, उमड़ पड़ी मिलने वालों की भीड़!

जिसकी झलक पाकर जनमानस ने कहा द्वितीय विवेकानंद, उमड़ पड़ी मिलने वालों की भीड़!


कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो, प्रयागराज।

हजारों वर्षों में धरती पर ऐसे भी महामानव का जन्म होता है,जिसके रहते लोग बड़े उहापोह में होते है,समझने में देर हो जाती है,समझ कर भी नासमझ हो जाते हैं,लेकिन उनके न रहने पर लोग ऐसे मानव की पूजा करते हैं, मैं बात कर रहा हूं, भारत की पवित्रतम मोक्ष भूमि काशी से पधारे हिन्दू सनातन धर्म गुरु विख्यात कथावाचक एवम ज्योतिषाचार्य पूज्य श्री रतन वशिष्ठ जी महराज की,जिनके मस्तक पर एक दिव्य दैवीय आभा है,जिनकी वाणी में साक्षात माँ सरस्वती विराजमान है,जिनके रहन सहन वाणी विवेक व वेश भूषा को देखकर बरबस ही महामानव विवेकानंद की स्मृतियां पुकारने लगती है।उड़ीसा के फ्यूज़न 2022 के कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि रूप में पधारे महराज श्री को देखने मिलने व उनके मुख से सनातनी सिद्धान्तो को समझने हेतु तांता लगा रहा,महराज श्री अविचल भाव से सनातनी जिज्ञासु भक्तों के मन के एक एक प्रश्नों को उत्तरित कर उनके मन को अविरल आनंद से भरते रहे।अंततः हमसे जान मानस की आपसी वार्ता में यह साफ हुआ कि बिना महराज श्री के लंबे सत्संग के हम सभी आकंठ ज्ञानपिपासु से तृप्त न होंगे सो बहुत शीघ्र उसकी योजना बन जाएगी,आगामी माह में महराज श्री का 7 दिवसीय सनातन प्रवचन उड़ीसा में होगा।महराज श्री एक नही अनेको विधाओं में पारंगत हैं,जैसे ज्योतिष,हस्तरेखा,अंक ज्योतिष, विभिन्न यज्ञअनुष्ठान,मोबाइल नंबर ज्योतिष,शिवकथा,राम कथा,भागवतकथा,सनातन ,व राष्ट्र संगठन ज्ञान,प्राकृतिक आयुर्वेदिक आदि अन्यान्य विधाओं की कई जानकारियां महराज श्री के मनोपटल में संचित है,किसी की पारिवारिक ,धार्मिक,सामाजिक,या रिश्तों की समस्याओं का अकाट्य समाधान भी करते हैं।।

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