}(document, "script")); Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव का हार्टअटैक से हुआ निधन, यह साबित करना चाहते थे की शिवलिंग नही फव्वारा है

Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव का हार्टअटैक से हुआ निधन, यह साबित करना चाहते थे की शिवलिंग नही फव्वारा है


कवरेज इंडिया न्यूज़ डेस्क वाराणसी

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया कमिटी के वकील अभय नाथ यादव की रविवार की देर रात हार्ट अटैक होने से मौत की खबर सामने आई है। रविवार की शाम को अचानक हार्ट अटैक की शिकायत पर परिजनों ने उन्हें नजदीक के निजी अस्पताल ले गए। जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

साथी वकील नित्यानंद राय ने बताया कि रविवार को रात 10:30 बजे के करीब अभय यादव को मेजर हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उन्हें पहले त्रिमूर्ति और फिर शिवम अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। देर रात उनका मृत शरीर घर पर लाया गया। पिछले महीने 22 तारीख को ही बेटी की शादी की थी। बेटी के आने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

हार्ट अटैक से हुई मृत्यु, आज होगा अंतिम संस्कार 

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव के परिवार ने बताया कि देर रात सीने में तेज दर्द शुरू होने के बाद उन्हे अस्पताल में ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, अधिवक्ता अभयनाथ यादव की मृत्यु हार्ट अटैक के चलते हुई है। देर रात उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर लाया गया। सोमवार यानि आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अधिवक्ता मदनमोहन यादव ने इस बात की पुष्टि की है। 

अभय नाथ यादव ने कोर्ट कमिश्नर की भूमिका पर खड़ा किया था सवाल 

आपको बता दें कि ज्ञानवापी मामले में दिल्ली निवासी राखी सिंह और अन्य लोगों की याचिका पर वाराणसी के सिविल जज की अदालत ने बीते 26 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराने का निर्देश दिया था। सर्वे का यह काम 16 मई को पूरा हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी सर्वे के आखिरी दिन मस्जिद के वजूखाने में मिली संरचना के शिवलिंग होने का दावा किया था। उधर, मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं के इस दावों को नकारते हुए कहा था कि वह आकृति शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है। इसके बाद कोर्ट ने परिसर के विवादित हिस्से को सील करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही आपको बता दें कि ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान अभय नाथ यादव ने कोर्ट कमिश्नर की भूमिका पर सवाल खड़ा करने के साथ ही तहखाने का वीडियो वायरल होने पर भी आपत्ति जताते हुए कोर्ट से जांच की मांग की थी।  

अंजुमन इंतजामिया कमेटी की तरफ से हो रहे थे पेश

बता दें कि श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन मामले में अंजुमन इंतजामिया कमेटी की तरफ से अभय नाथ यादव प्रमुख वकील के तौर पर पेश होते रहे हैं. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केस की पोषणीयता पर सुनवाई मामले में भी अभय नाथ यादव ही प्रमुख वकील के तौर पर मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील पेश करते रहे हैं. 

श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी केस में सभी पक्ष पोषणीयता के मुद्दे पर बहस पूरी कर चुके हैं. 4 अगस्त को मुस्लिम पक्ष की ओर से प्रत्युत्तर रखा जाना था, जिसमें वकील अभय नाथ यादव की भूमिका अहम होती. ज्ञानवापी केस की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट अक्टूबर में सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा था कि अभी मामले की सुनवाई निचली अदालत में चल रही है, इसलिए इसपर हम अभी सुनवाई नहीं करेंगे. जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्य़कांत और जस्टिस नरसिम्हा की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.



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