}(document, "script")); Federal Reserve Interest Rate Hike: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ाईं, भारतीय बाजारों के लिए बुरा संकेत

Federal Reserve Interest Rate Hike: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ाईं, भारतीय बाजारों के लिए बुरा संकेत


कवरेज इण्डिया न्यूज़ डेस्क

वाशिंगटन : अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोत्तरी की घोषणा की है। यह 28 साल में सबसे बड़ा इजाफा है। अमेरिका में मुद्रास्फीति (Inflation in USA) 40 साल में अपने उच्चतम स्तर पर है। मई के महीने में यह 8.6 प्रतिशत दर्ज की गई थी। ऐसे में महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोत्तरी 1994 के बाद से सबसे ज्यादा है। अमेरिकी फेड की ब्याज दरें बढ़ने से भारतीय मुद्रा (Indian Currency) पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

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ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी डॉलर को मजबूत करेगी लेकिन इससे रुपया और ज्यादा गिर सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपया पहले ही अपने सबसे निचले स्तर पर है। विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 18 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ सर्वकालिक निचले स्तर 78.22 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजारों में निराशाजनक कारोबार तथा विदेशी पूंजी की सतत निकासी के कारण निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित होने से यह गिरावट आई है।

ब्याज दरों में साल 1994 के बाद से सबसे बड़ा इजाफा

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कल जो दरें बढ़ाई हैं वो इंटरेस्ट रेट में साल 1994 के बाद से सबसे बड़ा इजाफा है. इस खबर के बाद से ग्लोबल बाजारों में जोरदार हलचल देखने को मिल सकती है. फेड ने ये फैसला अमेरिका में बेतहाशा बढ़ती महंगाई दर के मद्देनजर लिया है. अमेरिका में कंज्यूमर प्राइस इंफ्लेशन साल 1981 के बाद से सबसे उच्च स्तर पर आ गया है और ये 8.6 फीसदी रहा है. अमेरिका में खाने पीने की वस्तुओं और एनर्जी कीमतों में इजाफे के चलते महंगाई दर में ये बढ़ोतरी देखी गई है.

फेड ने पहले ही दे दिया था इशारा

फेड ऑफिशियल्स ने ब्याज दरों में आगे भी और बढ़ोतरी का संकेत दिया है. लोगों के कर्ज लेने की ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने का इशारा पहले ही दे दिया था और इसी तर्ज पर इंटरेस्ट रेट में ये बढ़ोतरी की गई है. फेड ने ये भी कहा है कि वो अमेरिकी शेयर बाजार पर इस रेट हाइक का असर आने पर नजर रखेगा. 

अमेरिका में सुस्त हो सकती है अर्थव्यवस्था की तेजी की रफ्तार

अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी का इजाफा करके इस बात को साफ कर दिया है कि वो यहां बढ़ती महंगाई दरों को निचले स्तर पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है. दरें बढ़ाने के अपने बयान में केंद्रीय बैंक ने साफ कहा कि वो महंगाई दर को 2 फीसदी पर लाने के लिए कड़े कदम उठाएगा. फेड ने इस बात को भी हाईलाइट किया कि अमेरिका में आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ सकती है, इतना ही नहीं देश की बेरोजगारी दर में भी और इजाफा देखा जा सकता है. 

भारतीय बाजारों पर कैसे आएगा बुरा असर

यूएस फेडरल रिजर्व के दरें बढ़ाने का भारतीय बाजारों पर भी बुरा असर आने का पूरा अंदेशा है और इसका सबसे बड़ा कारण है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट आ सकती है. फेड के दरें बढ़ाने के बाद डॉलर के रेट में बड़ी बढ़ोतरी देखी जा सकती है और रुपये की गिरावट और गहरा सकती है. इतना ही नहीं भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पर भी नीतिगत ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव आ सकता है.

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